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उपासकाध्ययन
जलवाहिनी नदी ( पृ० ८४ ) - यह अहिच्छत्रके निकट बहती थी। इसीके तटपर कालीदास. नामक
महावन था। डहाला ( पृ० १८१ )- डहलामण्डलमें स्वस्तिपुरी नामक नगरी थी। तामलिप्ति ( पृ० ७२ ) - इसे पूर्वदेशमें गौणमण्डलमें बतलाया है । बंगालके मिदनापुर जिले में आधुनिक
तमलुक नामक स्थान प्राचीन तामलिप्ति था। दक्षिणमथुरा ( पृ० ६२,७० ) - दक्षिणकी मदुरा नगरीको दक्षिण मथुरा कहते थे। मथुराका ही अपभ्रंश
मदुरा प्रतीत होता है। दण्डकारण्य ( पृ० ४४ ) - सोमदेवने दण्डकारण्यको करहाट देशके पश्चिमी भागमें बतलाया है। और
___ करहाट देश महाराष्ट्र प्रदेशके सतारा जिले में कृष्णा और कोइना नदियोंके संगमपर था। नन्दीश्वरद्वीप पृ० ४३। नामिगिरि ( पृ० ८५ ) - मगधदेशके सोपारपुर नगरके पास यह पर्वत बतलाया है। पञ्चशैलपुर ( पृ० ७६,८०) मगधदेशको राजगृही नगरीका अपरनाम था। पांच पर्वतोंसे घिरा होनेके कारण
उसे पञ्चशैलपुर कहते थे । आज भी उसे पंचपहाड़ी कहते हैं । पम्चालदेश - गंगा और यमुनाके बीचका प्रदेश पंचाल था। मोटे तौरपर उत्तरप्रदेशके वरेली, बदायूँ,
फर्रुखाबाद और इनसे सम्बद्ध जिले पंचाल देश कहलाते थे। पद्मावतीपुर ( पृ० १६४ ) - टिप्पणके अनुसार उज्जयिनीका अपर नाम । पभिनीखेट ( पृ० १६८ ) - एक नगरका नाम था। पाटलीपुत्र ( पृ० ६४,७२ ) - सोमदेवने इसे सुराष्ट्रदेशमें बतलाया है। .. पाण्ड्यमण्डल, ( पृ० ६२ ) - दक्षिणके तमिल प्रदेशका भाग। इसकी राजधानी मदुरा थी। पोदनपुर ( पृ० १७७ ) - यह अश्मक देशकी राजधानी थी। पुराने हैदराबाद राज्यके निजामाबाद जिले में
गोदावरीकी सहायक नदीपर स्थित आधुनिक बोषन ही प्राचीन पोदनपुर था। सोमदेवने
पोदनपुरको रम्यक देशमें बतलाया है। प्रयागदेश (पू. १६७)- वर्तमान इलाहाबादके पासका प्रदेश सम्भवतया प्रयाग देश कहा जाता था।
जैसे वाराणसीके पासके प्रदेशको काशी देश कहते थे। फेनमालिनी ( पृ० ८८) - एक नदी। बलवाहनपुर पृ० ८६ । भावपुर पृ० ८७ । भीमवन (पृ.० ५७ ) - शखंपुरके निकट भीमवन नामक महावन था। भूमितिलकपुर (पृ० ३९ ) - सोमदेवने इसे जनपददेशमें बतलाया है। मगधदेश ( १० ४६,४७,७६,८५,१७८ ) - इसकी राजधानी राजगृही थी जो वर्तमानमें विहार प्रदेशमें है। मथुरा ( पृ० ८९,९१ ) - देखो उत्तर मथुरा। मलयाचल पृ० ५५ मिथिलापुरी ( १० ४७,१०० ) - सोमदेवने मिथिलापुरीको मगधदेशमें बतलाया है। वर्तमानमें विहार
प्रदेशमें दरभंगाके पास मिथिला नामक नगरी है।