Book Title: Trishasti Shalaka Purusa Caritra Part 5
Author(s): Hemchandracharya, Helen M Johnson
Publisher: Oriental Research Institute Vadodra

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Page 474
________________ 443 For Read ऽदृष्टा वृष्टया सेन वत्रा मद्रया माया म मा अमत्यपि अगत्पतिः काडक्ष °भामा 8. 6. 232 6. 236 242 8. 6. 243 8. 6. 272 8. 6. 312 8. 6. 360 8. 6. 391 8. 6.441 8. 7. 15 8. 7. 22 8. 7. 28 35 8. 7. 91 8. 7. 185 8. 7. 185 8. 7. 191 8. 7. 196 8. 7. 244 7. 247 7. 249 254 8. 7. 259 8. 7. 279 कक्ष भाया में सं म्ना तु भा' पसं म्नानुभा मा २ ॥ ६.१-६६ ३ ६ ३ ६ ६ ६ ६.२.६.१ .१ ५.६.२०१६६३ ११५३ ३ ६ ४३ : 4६ १६.१ .६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६ ६414144.१ ३.६.१३ ॥ सात्य सेनपल्या जर घरः दवा "सत्य सिनपल्लयां मरा धरः मही महा 777777777777777777 ॐ ॐ ॐ ooooo ध्व 302 माथि पृष्टो 8. 7. 305 8. 7. 320 8. 7. 332 8. 7. 8. 7. 355 8. 7. 368 8. 7. 379 8. 7. 343 8. 7.438 8, 7.452 न्या भया प्रष्ठो तामापा टिस्त इयो तमाएं °टित को माया मायां Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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