Book Title: Triloksar
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Manikyachandra Digambar Jain Granthmala Samiti

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Page 423
________________ (४) गाथा पृ.सं. गा.सं.। गाथा पृ.सं. गा.सं. एकट्ठी पण्णही . ... . ४२॥९७ कंचणमयाणि खंड ... ०९३।७३५ एकपहलंघणं पडि .... १७४।४०८ | कणयकणयाह पुण्णा ३८७१९६४ एकारसहणवणव .... २८८१७२० | कणयादिचित्त सोदा ३८५।९५८ एक्कारसत्तसमाहिय ,... १९५।४६१ कणयं कंचण तवणं ... ३८२१९४८ एकारसयसहस्सं .... १८९१४४५ | कप्पठिदि बंधपचय ... २०१४४ : एगादि बिउत्तरिया.... २४.५६ | कप्पेसु रासिपंचम ... २०२॥४७८ एगुरुगा लंगलिगा ... ३६६।९१६ | कमलदलजलविणिम्गय. २३६१५७१ एगोरुगा गुहाए . .... ३६७५९२० | कमसो बिसहस्सूणिय ७.१७४ एत्थ मुदाणिरयदुगं. ... ३४५।८६३ | कमसो सिद्धायदणं ... २८८१७२१ एदेसिं पल्लाणं ..... ४४।१०२ कम्मावणिपडिबद्धो ... १३१।३२४ एयादीया गणणा | कलहप्पिया कदाई ... ३३६।८३५ एयारंसोसरणे २५३।६१६ | कालमहकाल माणव ३३११८२१ एयं सत्थं सव्वं ... २३२१५५९ | कालमहकाल पउमा ... ३८७१९६२ एरावदमणिकंचण .... २९०१७२९ कालविकालो लोहिद १५०।३६३ एवं बिदियसलागे १९४१ किंणर किंपुरिसाय म १०५।२५१ एवमणंतं ठाणं ३५।८१ किंणरचउ दसदसधा १०६।२५६ एवं सलागभरणे १७३३ किंचूण रज्जुवासो ... ५९।१२८ एवं सलागरासिं १९/४० किण्ह सुमेघ सुकड्ढा ९८४२३६ एवं साविय पुण्णा ..... १७१३४ | | कित्तियपंडतिसमये ... १८६।४३६ एवं सेस तिठाणे .... ३५५।८९४ कित्तियपहदिसु तारा १८१४४० एसो सव्वो भेओ ... .३५११८८१ कित्तियरोहिणि मियसिर १८५।४३२ ओ .. किंपुरिसकिंणरावि य १.७२५७ ओहिहाणं चरिमे ... ७०।१५९ किंपुरुसकिंणरास ... ११११२७३. कुंजरतुरयपदादी ... ११३।२८० ककडमयरे सब ... १५६।३८० कुंडलगो दसगुणिओ... ३८११९४३ . कच्छा सुकच्छा महा २७८१६८७ | कुंडादो दक्खिणदो ... २४३१५९१ कजल कज्जलपह सिरि २५८१६२९ कुंभंड रक्खजक्खा ... ११०।२७१ ...

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