Book Title: Thanang Sutra
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ मारिए बोहियना विहि पंतासुतनिरिस ते चैव सुतनिस्सी तच वाघ निस्सि ते दुविहित विहिपमाना तेज हो। इछा परंपरमिद्वाक व वनागिपरंपर सिह केवल नावान केवल ना प्रवा विहिप हिना दिन चितवन समाजवादी हिंस हिचैव वपचति वानरयाएं च दादो राहं वश्वसम्मतायातमस्माचिपं चिंदीयतिरि रकाजालिट मतावि वापरकना विहिप वजा सिलिबोहिया युनिरिरिमेव टाना बाहिर हिचे चागनाहिर वस्त्रगवि शितिरित्रचताश्रावस्वा (रित्र विदे कालिए 4 चाउक्का लिएराच भाववाच त्रिधम्माचव इविहिपति यक्षम गारवरित स्वरितधामाच राजामविहिपतिमसंपर प्रचर मे aa सिंजापतिसर बायरसं पराय मंजाम मर विहिपतिमा नामाचचास या सरागसेनाम दुविपानपटम रायसरागमे जामाचा वावर सम समय रामराय डिविदि परा राग जमे ११ पढमसमयबाय पमिवाताच पिढमर यस्मै परागसे जाम डवादांते । पदव वीयरागस जाम इवाहती वसंत कसाय वीयराग से जामा वीएक्सायवीतरागजामा उद् कसावीतराग चिदिपमानातपटमसमय संत कसाय वीतराग संजामाचापम समय निरागसे जाम उनसे नकसा

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 180