Book Title: Tao Upnishad Part 06
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 435
________________ 425 ओशो का हिन्दी साहित्य उपनिषद सर्वसार उपनिषद कैवल्य उपनिषद अध्यात्म उपनिषद कबीर सुनो भई साध कहै कबीर दीवाना कहै कबीर मैं पूरा पाया कठोपनिषद मगन भया रसि लागा घूंघट के पट खोल न कानों सुना न आंखों देखा (कबीर व फरीद) ईशावास्य उपनिषद निर्वाण उपनिषद आत्म पूजा उपनिषद केनोपनिषद मेरा स्वर्णिम भारत (विविध उपनिषद - सूत्र ) कृष्ण गीता-दर्शन ( आठ भागों में अठारह अध्याय) कृष्ण-स्मृति महावीर महावीर वाणी (दो भागों में ) महावीर वाणी (पुस्तिका) जिन सूत्र ( दो भागों में ) महावीर या महाविनाश महावीर : मेरी दृष्टि में ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया बुद्ध एस धम्मो सनंतनो (बारह भागों में) अष्टावक्र महागीता (छह भागों में ) मीरा पद घुंघरू बांध आई बदरिया सावन की पलटू अजहूं चेत गंवार सपना यह संसार काहे होत अधीर दादू सबै सयाने एक मत पिव पिव लागी प्यास जगजीवन नाम सुमिर मन बावरे अरी, मैं तो नाम के रंग छकी दरिया कानों सुनी सो झूठ सब अमी झरत बिगसत कंवल

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