Book Title: Swami Dayanand aur Jain Dharm
Author(s): Hansraj Shastri
Publisher: Hansraj Shastri

View full book text
Previous | Next

Page 157
________________ ": विमल विनोद ... WE ..4 चाहा ळिकाविमलामाकरताहा:आर-1, .. . .. बस नाम होसे आनंद देनेवाली यह पुस्तक है । चिमुच ही पहनेवालेको विमल भी करती है और विनोदः । मा. देती है। आजकल उपन्यासके शौकीन ज्यादा नजर । पाते हैं। बस उनके ही लिए यह पुस्तक समाझए ।। इसमें उपन्यासके ढंगसे आर्यसमाजके नेता स्वामी । दी . Sal-. ' inti .... लिया कि पूर्ण किये बिना चैन न परेगी. रोशन महल्ली आगारा

Loading...

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159