Book Title: Survey of the Work done on Jain Mathematics
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Z_Deshbhushanji_Maharaj_Abhinandan_Granth_012045.pdf

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Page 4
________________ (IV. 'Jaina Formula for the Area of a Circular Segment, Jain Journal (Calcutta)-XUI-3 pp. 89-94 (1979) 13. Jaggi, O.P. 14. Jain, Anupam 15. Jain, B.C. 16. Jain, B.S. 17. Jain, G.R. 18. Jain, H.L 19. Jain, L.C 1. "Science and Technology in Medieval India Atma Ram & Sons - Delhi pp. 136-209 1977 I. “गणित के विकास में जैनाचार्यो का योगदान" (एम० फिल्० योजना विवरण का सारांश-मेरठ वि० वि०, मेरठ) गणित भारती (दिल्ली)-3 (112) पृ० 43-44 (1981) 11. 'प्राचीन भारतीय गणितज्ञ" अभिव्यक्ति (सलावा)-2 3047-51 (1981) III. महावीराचार्य व्यक्तित्व एवं कृतित्व"-जैन सन्देश (मथुरा) शोधांक-47 दिस० पृ० 258-260 (1981) IV. "ट्त्रिंशिका या ट्विशातिका" जैन सिद्धान्त भास्कर (आय)-34 (2) दिस० पृ. 31-40 (1981) v. "कतिपय अज्ञात जैन गणित ग्रंथ"-गणित भारती (दिल्ली)-4 (1, 2) पृ० 61-71 (1982) VI. "कन्नड साहित्य एवं गणित" सन्मति वाणी (इन्दौर)-11 (10) जन पृ० 8-12 (1982) VII. "जैन गणित के अध्ययन की आवश्यकता एवं उपयोगिता" सेठ सुनहरी लाल जैन अभि० ग्रंथ-पृ० 356-361 (1983) VIL. जैन गणितीय साहित्य ' तुलसी प्रज्ञा (लाडन) में प्रकाशनार्थ प्रेषित IX. "Mahäviracharya the men & the Mathematician' Accepted for Publication in Acta Ciencia India (Meerut) 1. "गणित"_अन्तर्गत भारतीय संस्कृति के विकास में जैन तीर्थों का योगदान" अखिल विश्व जैन मिशन-अलीगंज (एटा) (1961) 1. 'on the Ganita-Sar-Sangrah of Mahavira (850 A.D.)1 J.H.S. (Calcutta)-12-1 ___pp 17-32 1977 I. Cosmology Old and New' (2nd Revised) Bhartiya Jnanpith, New Delhi 1974 I. 'भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान" मध्य प्रदेश शासन, साहित्य परिषद-भोपाल 1962 I. "तिलोयपण्णत्ति का गणित" जम्बुद्वीपपण्णत्ति संग्रहो के साथ प्रकाशित, जीवराज ग्रंथमाला____शोलापुर-पृ० 1-109 (1958) II. "लोकोत्तर गणित विज्ञान के शोध पथ-भिक्षु स्मृति ग्रंथ -- कलकत्ता प० 222-231 (1961) III. "गणितसारसंग्रह (महावीराचार्य कृत) विस्तृत प्रस्तावना, पाठ टिप्पणियों, परिशिष्टों सहित [श्री एम० रंगाचार्य के अंग्रेजी संस्करण (1912) के आधार पर] संपादित एवं अनूदित हिन्दी संस्करण-जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर (1963) IV. 'On the Jaina School of Mathematics' छोटे लाल स्मृति ग्रंथ-कलकत्ता अंग्रेजी विभाग पृ० 266-292 (1967) V. 'Researches on Jain Mathematics' Jnanpith Patrika-Sodha Visheshank (N. Delhi) Oct. Nov.-pp. 33-41 (1969) VI. "भारतीय गणित शास्त्र एवं जैन लोकोत्तर गणित' अनुसंधान पत्रिका-जैन विश्वभारती (लाडन) अप्रैल-जन, पृ० सं० 20-37 (1973) VII. 'Mathematical Foundation of Karma: Quantum System Theory' I Anusandhan Patrika, J.V.B. (Ladnu) Oct-Dec pp. 1-12 (1973) VIII. 'Set Theory in Jaina School of Mathematics' 1 J.H.S. (Calcutta) 8-I pp. 1-27 (1973) IX. 'Role of Mathematics in Jainology' Jou, of Birla Inst. of Arts & Music-Prachya Pratibha (Bhopal) 2-1 pp. 5.-52 (1975) X. 'Norms of Truth and non-violence for Karma Optimality'Tirthankar (Indore)-1-6 pp. 11-15 (1975) १०८ आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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