Book Title: Sukta Muktavali
Author(s): Jayanandsuri and Others
Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 2
________________ णमोत्थु णं भगवओ महावीरस्स । जगत्पूज्य-गुरुदेव- जैनाचार्य-श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वर श्रीमद्विजयधनचन्द्रसूरीश्वरेभ्यो नमः । __ श्रीमद्केशरविमलगणिना विरचितभाषाकवितानुसारेण श्रीसौधर्मबृहत्तपागच्छीय स्व. पू. पा. साहित्यविशारद-विद्याभूषण-जैनश्वेताम्बराचार्य श्रीमद्विजयभूपेन्द्रसूरीधर-विरचिता संस्कृतगद्यमयी- सूक्तमुक्तावली ( संशोधका उपाध्यायश्रीगुलाबविजयादिमुनयः ) : दिव्याशिष : श्रीविद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. मुनिराजश्रीरामचन्द्रविजयजी म.सा. : संपादक : आचार्यदेव श्री जयानंदसूरीश्वरादि मुनिमण्डल : प्रकाशक : गुरुश्रीरामचन्द्र प्रकाशन समिति - भीनमाल. मुख्य संरक्षक (१) श्री संभवनाथ राजेन्द्रसूरिधे. ट्रस्ट कंदुलवारी स्ट्रीट, विजयवाडा. (२) आचार्यदेव श्री जयानंदसूरीश्वरजीआदि ठाणा की निश्रा में वि. २०६५में शत्रुजय तीर्थे चातुर्मास एवं उपधान करवाया उस निमित्ते लेहर कुंदन गुप मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा, श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी बालगोता परिवार मेंगलवा. (३) एक सद्गृहस्थ - भीनमाल (४) संघवी उत्तमकुमार, सन्तोषदेवी, कुणाल, मेघा बेटा-पोता रीखबचंदजी ताराजी नागोत्रा सोलंकी परिवार, बाकरा-राजस्थान. R.T. SHAH & Co. १, सांबयार स्ट्रीट, जार्ज टाऊन-चेन्नई-६०० ००१

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