Book Title: Studies in Haribhadrasuri
Author(s): N M Kansara, G C Tripathi
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 173
________________ नोएवायंथकारकर्जमातमाण गटणीनीसतिातिमधेपणनायका जीराजायणरावासावाश्यादि तीसमानाने संपूर्णपाई अनेक प्रियणीसमलारस्याद विदेदादिकनीनामकल नायकरातदिनरेंथवा राशनानुजियारत लिखीनमुनीकायाध्याय जनगरसाधवीपाटना होजीबातेनोवियादवसा नाएदोनयथकारकर्जा एटणीनीपुर्णता तेमध्ये जयश्वासनाश्त्यादि समोनातेसंधणेपाई अनेर माया

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