________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
६
पृष्ठ. पंक्ति. अशुद्धम्.
९
भासुरं
७ १८
द्विरेफै:
१३ १६
चित्ताभाष्टं
१४
९
१८
१४
२० ९
२० १७
२०
१८
२०
१९
२६
४
२६
ww
६
२६ १४
२६ १६
२७ १९
३४
www.kobatirth.org
८
शुद्धिपत्रम् ॥
शुद्धम्.
भासुर
द्विरेफे चित्ताभीष्टं
शाभमानभुवनत्रये शोभमान भुवनत्र
प्रकान्तः ॥
नेमिनाथो
मुक्तयम्भोजं
प्रकान्त
नेनिनाथो
मुक्त्यम्भाजं
वाण्यम्बु
प्रहत्री
श्रेयां
द्रुमा वेता
वंत्सु
विभास
भरं
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal Use Only
वाण्यम्बु प्रहत्री
ལ ། ལྤ, སྦ
विलास