Book Title: Siddha Hemchandra Shabdanushasan Bruhad Vrutti Part 03
Author(s): Vajrasenvijay
Publisher: Bherulal Kanaiyalal Religious Trust
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उणाद्यकारादिसूत्रानुक्रमणिका
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लस्जीष्यिशलेरालुः ॥ ८२२ ।। लाक्षाद्राक्षामिक्षादयः ।। ५६७ ।। लादिभ्यः कित् ।। ३६७ ।। लिहेजिह च ।। ५५३ ।। लुधप्रच्छिभ्यः कित् ।। ६७६ ।। लुषष्टः ॥ १३८ ॥ लूगो हः ।। ५८६ ॥ लूपूयुवृषि-कित् ।। ६०१ ।। . लूम्रो वा ।। २०२ ।। वचेः कगौ च ।। ७६० ॥ वचेरन्कु: ।। ७६६ ।। वचोऽथ्य उत् च ।। ३८६ ॥ वयथिभ्यामुष्यः ।। ३८५ ॥ वडिवटिपे--रवः ।। ५१५ ।। वणेरिणत् ॥ ६२६ ॥ वदिसहिभ्यामान्यः ।। ३८१ ॥ वद्यविच्छदि--न्तिः ।। ६६५ ।। वनिकरिण--ष्ठः ॥ १६२ ॥ वनिवपिभ्यां गित् ।। ४२१ ।। वनेस्त च ॥ १७५ ।। वयःपयःपुरो--गः ।। ६७४ ।। वयिमखचिमादयः ।। ३५० ।। वर्धरकिः ।। ६२४ ।। वलिनितनिभ्यां वः ॥ ३१७ ।। वलिपुषेः कलक ।। ४६६ ॥ वले रक्षः ॥ ५६६ ।। वशेः कित् ।। ८७६ ।। वष्टे: कनस् ॥ ६८५ ॥ वसेरिणद्वा ।। ७७४ ॥ वस्त्यगिभ्यां णित् ॥ ६७० ।
वस्यतिभ्यामातिः ।। ६६२ ।। वहियुभ्यां वा ॥ ५७१ ।। वहिमहिगु--ऽतुः ।। ७७६ ।। वहे च ॥ ८३२ ।।। वारिसादेरिणिक् ॥ ६४४ ॥ वातात् प्रमः कित् ॥ ७१३ ॥ वाश्यसिवासी-उरः ॥ ४२३ ।। वातेरिणद्वा ।। ६५७ ।। वारौि ।। ६४४ ।। ... विचिपुषिमु--कित् ।। २२ ॥ विडिविलि--कित् ।। १०१ ।। विदनगगन-दयः ।। २७५ ॥ विदिप भ्यां कित् ।। ५५८ ।। विदिभिदि--कित् ।। २३४ ॥ विदिवतेर्वा ।। ६१० ।। विदोरधिक् ।। ६७६ ।। विधेः कित् ।। ४२५ ॥ विधेर्वा ॥ ६७२ ॥ विपिनाजिनादयः ।। २८४ ।। विन्देर्नलुक् च ॥ ६ ॥ वियो जक् ।। १२७ ॥ विलिभिलि-कित् ।। ३४० ॥ विले:--कित ॥ ५६२ ॥ विशिविपाशिभ्यां क्विप ॥ ५० ॥ विशेरिपक् ।। ३०६ ।। विश्वाद् विदिभुजिभ्याम् ।। ६५६ ॥ विषेः कित् ।। ७६६ ॥ विष्टपोलप-यः ॥ ३०७ ।। विहडकहोड-दयः ।। १७२ ॥ विहायस्सुमनस्-सः ॥ ६७६ ॥ विहाविशा-केलिमः ॥ ३५४ ॥
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