Book Title: Shuklyajurvediya Rudrashtadhyayi Prarambh
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir है वोनमोनमुल्कुलोलेब्भ्यस्का रेभ्यश्चवोनमोनमोनिादेब्भ्यः / जिष्टेभ्यश्चवोनमोनमः श्रुनिभ्योमृगयुब्भ्यश्चवो नमोनमुत्श्वा / भ्युः॥२७॥ नमुत्श्वभ्यु:॥ नमुश्वब्भ्युःश्वपतिब्भ्यश्चवोनमो नमभिवायचरुद्रायंचनमः शुर्वायचपशुपतयेचुनमोनीलग्रीवायच है। शितिकण्ठायचनमः कपर्दिनै // 28 // नम कपर्दिने / नमः / कपुर्दिनै चुड्युप्लकेशायचनम सहस्राक्षायचशुतर्धन्वनेचुनौ / गिरिशुयायचशिपिविष्टायचुनौमीढुष्टमायुचेषूमतेचुनमा हुस्वा RECRUECRECRUCCESCRrsex For Private And Personal Use Only

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