Book Title: Shraman Mahavira
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 325
________________ ३१० / श्रमण महावीर श्वेतव्या में राजा प्रदेशी वग्गुर दंपती भगवान् वैशाली में सोमा और जयंती परिव्राजिकाओं का सम्पर्क मेघ और कालहस्ती ३६. ३७. ३८. ३९. ४०. ४१. ४२. ४३. ४४. ४५. ४६. ४७. ४८. ४९. ५०. ५१. ५२. ५३. ५४. ५५. ५६. ५७. ५८. ५९. ६०. ६१. ६२. ६३. ६४. ६५. ६६. ६७. ६८. ६९. ७०. ७१. ७२. ७३. ७४. ७५. * कूपिय सनिवेश में बंदी लोहार्गला में बंदी तोसली में चोरी का आरोप मोसली में चोरी का आरोप तोसली में चोरी का आरोप और फांसी का दंड चंदनबाला भियग्राम में इन्द्रभूति आदि की प्रव्रज्या गोशालक का भगवान् के लिए भोजन लाने का आग्रह और लोहार्य की नियुक्ति मेघकुमार का विचलन सिन्धु- सौवीर में गमन स्वातिदत्त से वार्तालाप गोशालक का पावपत्यीय श्रमण नंदिषेण से मिलना केशी- गौतम का मिलन भगवान् से गोत्र आदि विषयक प्रश्नोत्तर जयघोष - विजयघोष हरिकेशबल अभयकुमार आर्द्रकुमार और तापस बकरा और मुनि धनुर्धर वरुण बेहल्लकुमार चंडप्रद्योत मम्मण पूनिया श्रावक गोशालक और आर्द्रकुमार पांच अन्धे साधना विषयक प्रश्न सोमिल के प्रश्न जयंती के प्रश्न स्कंदक आनन्द श्रावक महाशतक गोष्ठी : भगवान् के साथ कामदेव श्रावक Jain Education International For Private & Personal Use Only ७२ ७२ ७२ ७३ ७४ ७४ ७४ ७५ ७६ ७७ ७८ ८८ ८९ १०३ १०५ १०९ ११४ ११७ १२१ १२७ १३० १३१ १३४ १४४ १४७ १४८ १४९ १५० १५५ १५७ १५९ १६७ १६८ १६९ १६९ १७० १७१ १७२ १७४ १७४ www.jainelibrary.org

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