Book Title: Shiv Mahimna Stotram
Author(s): Thakurprasad Pustak Bhandar
Publisher: Thakurprasad Pustak Bhandar
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
* शिवमहिम्नस्तोत्रम् * प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशम् ।
अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ॥ त्रयः शूल निर्मूलिनं शूलपाणिम् ।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् । कलातीत-कल्याण कल्पान्तकारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ॥ चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ न यावत् उमानाथपादारविन्दम् ।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ॥ न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशम् ।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ न जानामि योगं जपं नैव पूजाम् ।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ॥ जराजन्म दुःखौघतातप्यमानम् ।
___प्रभो पाहि आपन्नमामीशशम्भो ॥ श्लोक:-रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतुष्टये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34