Book Title: Shilopadesh Mala
Author(s): Harishankar Kalidas Shastri
Publisher: Jain Vidyashala

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Page 456
________________ 447 सामान्य प्राणि जे जे ते (किं सिढिला के० ) शील पालवामां शा माटे शिथिल थाय डे ? // 40 // विशेषार्थ- जो तेज जवने विषे मोद जनारा एवा श्री मलिनाथ श्रने नेमिनाथ विगेरे पाणिग्रहण (विवाह )नो त्याग करीने ब्रह्मचर्यनेज सेवन करनारा थया, तो संसारना व्यापारमा पराधीन थयेला एवा सामान्य प्राणि ब्रह्मचर्य पालवामां शा माटे शिथिल थाय डे ? अर्थात् जो तेज नवमां मोक्षसिद्धिने पामनारा पुरुषोए ब्रह्मचर्य व्रत पाल्यु , तो संसारमा बूडी रहेला सामान्य प्राणिए मोदसि हिना फलने माटे तो विशेषधीज ब्रह्मचर्य व्रत पालवं जोश्ए. // 40 // JAMMAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAL समाप्तेयं शीलोपदेशमाला.

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