Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

Previous | Next

Page 14
________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // वज्जरिसहनारायं वज्जनाराययं च नारायं / अद्धं चिय नारायं खीलिय छेवट्ठ संघयणं रिसहो य होइ पट्टो वजं पुण खीलिया वियाणाहि / उभओ मक्कडबंधं नारायं तं वियाणाहि नर-तिरियाणं छप्पिय हवइ हु विगलिंदियाण छेवढें / सुर-नेरइया एगिदिया [य] सव्वे असंघयणी समचउरंसा नग्गोह साइ खुज्जा य वामणा हुंडा / पंचिंदियतिरियनरा सुरा समा सेसया हुंडा मस्सूरए य थिबुमे सूइ पडागा अणेगसंठाणा / पुढवि-दग-अगणि-मारुय-वणस्सईणं च संठाणा ओरालिय-वेउव्विय-आहारय-तेयए य कम्मयए / पंच मणुएसु चउरो वाऊ पंचिंदियतिरिच्छे वेउव्विय-तेए-कम्मए य सुर-नारया य तिसरीरा / सेसेगिदिय-विगला ओरालिय-तेय-कम्मइगा . सच्चे मोसे मीसे असच्चमोसे मणे य वाया य / ओरालिय-वेउव्विय-आहारय-मिस्स-कम्मइए सच्चे असच्चमोसे सण्णी उ सजोगिकेवली जाव / संण्णी जा छउमत्थो सेसं संखाइ अंतवउ सुर-नारया विउव्वी, नर-तिरि ओरालिया सवेउव्वी / आहारया पमत्ता, सव्वेऽपज्जत्तया मीसा मिच्छा-सासण-अविरय-भवंतरे-केवली समुहया य / कम्मइओ काओगो न सम्ममिच्छो कुणइ कालं नेरइया य नपुंसा तिरिक्ख-मणुया तिवेयया हुंति / देवा य इत्थि-पुरिसा, गेविज्जाई पुरिसवेया // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 // प

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 366