Book Title: Satsadhu Smaran Mangal Path
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 94
________________ वीरसेवामन्दिरके अन्य प्रकाशन 1 समाधितंत्र-संस्कृत और हिन्दी टीका-सहित / 2 बनारसी-नाममाला (हिन्दी-शब्दकोष ) / 3 अनित्य-भावना-हिन्दी पद्यानुवाद और भावार्थ-सहित / ) 4 पुरातन-जैनवाक्य-सूची (दि० जैनप्राकृतपद्यानुक्रमणी) (प्रस्तावना छपते ही प्रकाशित होनेवाली)। 12) उमास्वामि-श्रावकाचार-परीक्षा (ऐतिहासिक प्रस्तावना-सहित)।) 6 अध्यात्मकमलमार्तण्ड-हिन्दी-अनुवादादि-सहित। // ) प्रभाचन्द्रका तत्त्वार्थसूत्र-सानुवाद-व्याख्या। 8 न्यायदीपिका (न्यायाचार्य पं० दरबारीलाल कोठिया द्वारा अनुवादित और सम्पादित महत्वका विशिष्ट संस्करण)। (प्रेसमें) जैनग्रन्थ-प्रशस्ति-संग्रह। (प्रेसमें) बृहत-जैनप्रन्थ-सूची। (प्रेसमें) 11 समन्तभद्रभारती-अनुवादादि-सहित (प्रेसमें) प्रेसकी तय्यारीमें 12 जैनलक्षणावली-(लक्षणात्मक जैनपारिभाषिक शब्दकोष)। 13 लोक-विजय-यंत्र-भविष्यज्ञापक प्राकृत ग्रन्थ, हिन्दी-टीका-सहित / 14 भद्रबाहुनिमित्त-शास्त्र-निमित्तों-द्वारा भविष्य-ज्ञानका अपूर्व ज्योतिष ग्रन्थ, हिन्दी अनुवादादि-सहित / 15 अनेकार्थ-नाममाला—(पं० भगवतीदासकृत शब्दकोष ) / 16 मृत्यु-विज्ञान-मृत्युको पहलेसे जानलेनेके उपायोंको बतलानेवाला प्राचीन अलभ्य प्राकृत भाषाका ग्रन्थ / नई हिन्दी-टीका-सहित / 17 आय-ज्ञान-तिलक-प्रश्न-शास्त्र और निमित्त-शास्त्रका पुराना प्राकृत ग्रन्थ, संस्कृत तथा नई हिन्दी-टीका-सहित / 18 कर्म-प्रकृति-(नेमिचन्द्र-सिद्धान्तचक्रवर्ति-विरचित ) सानुवाद / 16 विश्वतत्त्व-प्रकाश-(भावसेन-विद्य-विरचित) 20 ऐतिहासिक जैनव्यक्ति कोष-भ० महावीरके बादके आचार्यों, विद्वानों, राजादिकोंका संक्षेपमें वह परिचय जो विखरा पड़ा है।

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