Book Title: Sarva Siddhanta Stava
Author(s): Jinprabhasuri, Somodaygani
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 66
________________ परिशिष्ट-५ व्याख्याकोशः व्याख्या श्लोकः पूजयामि अन्यत्र विस्तरेण प्ररूपितस्य वस्तुनः सपेण कथनम् प्रकटित शब्दः अञ्चामि अतिदेशअधिकृतअनवरम अनुत्तर अपवाद= अपुनर्भवपुर= आरोपण= आश्रवविधि इन उत्सर्ग= उदञ्चित उद्धात उपपद उपपात उपाङ्ग उपोद्धात ओघ= प्रधान कारणे प्रतिषिद्धसेवा मोक्षनगर उचितस्थाने प्रयोजनम् कर्मपुद्गलादान श्रीवीर मुख्यमार्ग प्रकटीकृत गुरूप्रायश्चित्तविशेष पूर्वपद उत्पाद अङ्गस्योप=समीपे शास्त्रस्यादि सामान्य साध्वाचार देवत्व अवचूर्णि नमिऋषि श्रीवीरसिद्धान्त दृष्टान्त विषमपदव्याख्या निरन्तरव्याख्या श्रेणि कल्प3 कल्पवतंस चूर्णि जालि= जिनागम ज्ञात टिप्पनक टीका तति

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