Book Title: Saraswati Stotra Author(s): Dayasuri, Diptipragnashreeji Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 2
________________ ऑक्टोबर २००२ बुध विमलकरणी बिबुधवरणी रूपरमणी नीरखीइं वर दीयण बाला पदप्रवाला मंत्रमाला हरखीई थीरथान थंभा अतिअचंभा रूपरंभा भलकती जयजय भवानी जगत जांणी राजराणी सरसती ॥१॥ सुरराजसेवीत पेखि देवत पदमपेखीत आसणं सुखदाय सुरति मायमूरति दूखदूरीत निवारण त्रिहुं लोकतारक विघनवारक धराधारक धरपती जय जय भवानि० ..... ॥२॥ कंटकां कोपती लाख लोपती अवनी ओपती ईश्वरी संता(तो) सुधारणी विघनवारणी मदनमारणी मिश्वरी खलदलां खंडणी छीद्र छंडनी दूष्टडंडणी नरपती जय जय भवानि० ..... ॥३।। शिवसगत साची रंगराची अज अजाची योगिनी मदझरती मत्ता तरुणतत्ता धत्तधत्ता जोगिनी जीह्वा जपंती मन रमंती धवलदंती वरसती जय जय भवानि० ..... ||४|| झणणाट झलरी धूधूमि धूधरी रीरीरी रीववर बज्जए धधधौंकीधीगुदां धधकोधिरदां थथकिथीगुदां गज्जए द्रां द्रांकी द्रां द्रां रुरुमिद्रांद्रां ततकी त्रां त्रां दमकती जय जय भवानि० ..... ॥५|| रिमिरिमिकी रिमिरिमि झूझूमी झीमि झीमि ठीमिकी ठीमि पग नच्चए घमघमकि घमघम गुणकी गुणगम अति अगम नृत्य नच्चए ततथैय तत्ता मानमत्ता अचल आनन दरसती जय जय भवानि० ..... ॥६।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3