Book Title: Saptadhatu aur Adhunik Vigyan
Author(s): Ranjankumar
Publisher: Z_Mahasati_Dway_Smruti_Granth_012025.pdf

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Page 7
________________ 3. रसो भुक्त-पीतात्र-पान परिणामजो निस्यन्द : - - योगशास्त्र, स्वप्त विवरण 4/72 4. हमारे शरीर की रचना, भाग II, डॉ. टी. एन. वर्मा, दी इंडियन प्रेस, इलाहाबाद, 1938, पृष्ठ 150 - उद्धृत अभिधान राजेन्द्र कोष, भाग 6, पृ. 482 6. असृग्यरक्तं रससम्भवो धातु : योगशास्त्र, स्व. 4/72 हैड बुक ऑफ फिजियोलॉजी - एन. जे. वजीफदार, पॉपुलर बुक डिपो, बम्बई 1944, पृ. 432 / मॉडर्न टेक्सट बुक ऑफ जूलोजी : इन्वर्टिवरेट - आर. एल. कोटपाल, रस्तोगी पब्लिकेशस्, मेरठ, 1990, पृ. 458 बेंज एनाटोमी : डिक्रिप्टीव एण्ड एप्लाइज - संपा. टी. बी. जॉन्स्टन और जे. विलिस, लॉगमैन ग्रीन एण्ड को. 1942. पृ. 517 10. मांसं पिशितमसृग्भवम् - योगशास्त्र, स्व. 4/72 12. हैंड बुक ऑफ फिजियोलॉजी, पृ. 350 13. वही - पृ. 350 14. मेदो वसा मांससंभवम् - योगशास्त्र, स्व. 4/72 16. कठिनग्धम मैनयूअल ऑफ प्रैक्टिकल एनाटोमी संपा. आर्थर राबिन्सन, ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी प्रेस 1930, प-. 141-15 / 17. अस्थि कीकसं मेदसम्भवम् - योगशास्त्र, स्व. 4/72 18. संस्कृत-हिन्दी-कोश, वामन शिवराम आप्टे, पृ. 278 19. टेक्स्ट बुक ऑफ ह्यमन हीस्टोलॉजी, पृ. 101-102 (219) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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