Book Title: Sanskrit Sahitya Kosh
Author(s): Rajvansh Sahay
Publisher: Chaukhambha Vidyabhavan

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Page 728
________________ : वैदिक-इण्डेक्स मूल लेखक-मैक्डोनेल तथा कीथ अनुवादक-डॉ० रामकुमार राय इसमें सन्दर्भ सहित संख्यायें तथा फुटनोट में उनकी व्याख्या का क्रम वही किया गया है जैसा की मूल ग्रन्थ में है। इस व्याख्या के कारण, जो निःसन्देह अत्यन्त कठिन और कहीं-कहीं असम्भव-सा कार्य था, अनुवाद की उपयोगिता और विषय-व्याख्या की प्रामाणिकता अत्यन्त बढ़ गई है। 1-2 भाग 150-00 राजतरङ्गिणीकोशः सम्पादक-डॉ० रामकुमार राय कल्हण कृत राजतरङ्गिणी का यह कोश हिन्दी में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया जा रहा है। इसमें राजतरङ्गिणी में आये सभी नामों और विषयों की ससन्दर्भ व्याख्या प्रस्तुत की गई है। साथ ही लेखक ने एक विस्तृत भूमिका में कल्हण के व्यक्तित्व और कृतित्व का विवेचन करते हुये विभिन्न विषयों, जैसे राजनीति, समाजशास्त्र, धर्म और नीति आदि से सम्बद्ध उनके विचारों को प्रस्तुत किया है। राजतरङ्गिणी में आये विभिन्न राजाओं की वंशावलियों तथा कलिक्रमागत तालिकाओं का भी भूमिका में समावेश किया गया है / -40-00 आदर्श हिन्दी-संस्कृत-कोश सम्पादक-प्रो० रामस्वरूप शास्त्री इस कोश में लगभग चालीस सहस्र हिन्दी-हिन्दुस्तानी शब्दों तथा मुहावरों के संस्कृत पर्याय दिये गये हैं। प्रत्येक शब्द का लिंग-निर्देश भी किया गया है। हिन्दी क्रियापदों के संस्कृत धातुओं के गण, पद, सेट, अनिट, वेट, णिजन्त आदि के रूप भी दिये गये हैं। सुसंस्कृत तथा परिवधित द्वितीय संस्करण। 100-00 अभिधानचिन्तामणिः 'मणि व्या . प्रस्तुत कोश-ग्रन अपूर्व कोश-कला से परिपूर्ण है। इसके नव-शब्द-योजना तथा अंतिम शब्दानुक्रमा ...... गार प्रशस्त है। 75-00 - अन्य प्राप्तिस्थान चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन के० 37/117. गोपाल मन्दिर लेन, पो० बा० 1129, वाराणसी-२२१००१

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