________________
जैन कर्म गन्तः बन्धन और मुक्ति की प्रक्रिया सागरमल जन जैन यक्षी अजिता (या रोहिणी) का प्रतिमानिरूपण मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी पाइअ-सह-महण्णवो में अनुपलब्ध वसुदेवहिण्डी की शब्दावली (२) के. आर. चन्द्र
राणकपुर का प्राचीनतम उल्लेख
राम वल्लभ सोमानी कर्मप्रकृति-टीकानी एक अमूल्य हस्तप्रति मुनि शीलचन्द्रविजय श्रीन्याससिद्धान्त प्रवेशकन्थिका संपा. मुनि शीलचन्द्रविजय पंचाख्यान के संशोधक पूर्णभद्रसूरि खरतर पूर्णभद्र नहीं थे अगरचन्द नाहटा कविवर नयसुन्दर की एक अज्ञात रचना--नेमिनाथ वसंत विलास अगरचन्द नाहटा
स्वाध्याय-Reviews
आ. जिनप्रभसूरि-विरचित अंग-रास संपा. र. म. शाह नरसिंह महेतानां पद संपा. रतिलाल वि.
Jain Education ratesaadical
For
a l & Erfuble the only
Nawwalimelibrariom