________________ परम पूज्य गुरुदेव अमर मुनि जी की अमर-वाणी, आज समाज में प्रसिद्ध ही नहीं, अत्यन्त लोक-प्रिय भी है / प्रस्तुत पुस्तक में उनके समाज और संस्कृति पर दिए गए अमर प्रवचनों का संकलन एवं सम्पादन किया गया है / समाज में सर्वत्र इस का स्वागत किया गया है। सम्पादक : विजय मुनि शास्त्री, साहित्यरत्न Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org