Book Title: Samadhan
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 288
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धर्म व श्रुत-आराधना का आह्लादक धाम श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा तीर्थ अहमदाबाद - गांधीनगर राजमार्ग पर स्थित साबरमती नदी के समीप सुरम्य वृक्षों की छटाओं से घिरा हुआ यह कोबा तीर्थ प्राकृतिक शान्तिपूर्ण वातावरण का अनुभव कराता है. गच्छाधिपति, महान जैनाचार्य श्रीमत् कैलाससागरसूरीश्वरजी म. सा. की दिव्य कृपा व युगद्रष्टा राष्ट्रसंत आचार्य प्रवर श्रीमत् पद्मसागरसूरीश्वरजी के शुभाशीर्वाद से श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र की स्थापना २६ दिसम्बर १९८० के दिन की गई थी. आचार्यश्री की यह इच्छा थी कि यहाँ पर धर्म, आराधना और ज्ञान-साधना की कोई एकाध प्रवृत्ति ही नहीं वरन् अनेकविध ज्ञान और धर्म-प्रवृत्तियों का महासंगम हो. एतदर्थ आचार्य श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी की महान भावनारूप आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर का खास तौर पर निर्माण किया गया. श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा तीर्थ आज पाँच नामों से जुड़कर निरन्तर प्रगति और प्रसिद्धि के शिखर सर कर रहा है. (१) प्रतिवर्ष २२ मई को दो बजकर सात मिनट पर महावीरालय में परमात्मा महावीर स्वामी के ललाट पर सूर्यकिरणों से बनने वाला देदीप्यमान तिलक, (२) आचार्य श्री कैलाससागरसूरि म.सा. की पावन स्मृतिरूप गुरुमन्दिर. (३) प.पू. आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरि म.सा. की पावन प्रेरणा (४) अपने आप में अनुपम आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तथा पू. आचार्यश्री के शुभाशीष तथा मार्गदर्शन में विकसित बोरीज तीर्थ स्थित योगनिष्ट आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरिजी की साधनास्थली में पुनरुद्धार के बाद नवनिर्मित भव्य १०८ फीट ऊँचा वर्धमान महावीर प्रभु का महालय यानी विश्वमैत्री धाम. इनमें से किसी का भी नाम लेने पर स्वतः ये पाँच स्वरूप उभर कर आते हैं. ये पाँचों एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं. वर्तमान में श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र अनेकविध प्रवृत्तियों में अपनी निम्नलिखित शाखाओं के सत्प्रयासों के साथ धर्मशासन की सेवा में तत्पर है. For Private And Personal Use Only

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