Book Title: Sahitya Darpan kosha
Author(s): Ramankumar Sharma
Publisher: Vidyanidhi Prakashan

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Page 232
________________ 226 हेला हेला हेला-नायिका का सात्त्विक अलङ्कार। यह अङ्गज विकार है। मनोभाव के अत्यन्त स्पष्टरूप से लक्षित होने पर वह हेला कहलाता है-हेलाऽत्यन्तसमालक्ष्यविकारः स्यात्स एव च। यथा-तथा तस्या झटिति प्रवृत्ता वध्वाः सर्वाङ्गविभ्रमाः सकलाः। संशयितमुग्धभावा चिरं यथा सखीनामपि।। (3/106)

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