Book Title: Ramayan ki Lokpriyata
Author(s): Vardhaman Parshwanath Shastri
Publisher: Z_Rajendrasuri_Janma_Sardh_Shatabdi_Granth_012039.pdf

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Page 1
________________ रामायण की लोकप्रियता वर्द्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री यदि भारतीय और पाश्चात्य संस्कृति में किसी ग्रंथ को अधिकतम समादर मिला है तो वह रामायण को ही मिला है। रामायण हर भाषा में और हर संस्कृति में किसी न किसी रूप में पाई जाती है । वाल्मीकि रामायण सबसे प्राचीन मानी जाती है। जैन धर्म में पउमचरिय सबसे प्राचीन है। पउमचरिय के बाद, रविषेण ने संस्कृत में पद्मचरित - पद्मपुराण लिखा । इसी प्रकार उत्तरपुराण में रामायण का संक्षिप्त वर्णन मिलता है । परन्तु उत्तरपुराण और पद्म पुराण की कथाओं में थोड़ासा अंतर है। हरिवंश पुराण में रामायण की कथा संक्षेप में मिलती है। इसमें रामायण के धुरुष अंशों का विवेचन है । रामचन्द्र जैन धर्मानुसार मोक्ष गये। राम ने अपने जीवन में मोह रागादि को किस प्रकार प्रश्रय दिया एवं अंतिम समय में किस प्रकार इनसे विरत हुवे यह देखने लायक है। इससे मानवीय जीवन का रहस्य मालूम होता है। रामायण के लोकप्रिय होने का यही कारण है । रामायण के सभी मुख्य पात्र महान हैं। उनका जीवन आदर्श होता है । वे जहाँ जाते हैं, वह तीर्थस्थान बन जाता है। वे जो कुछ करते हैं वह आदर्श एवं अनुकरणीय बन जाता है । कन्नड़ भाषा में रामायण की रचना हुई । कवि नागेन्द्र ने अभिनव पंप की रचना की जिसे आदि पंप का रूपान्तर माना जाता है । इस प्रसिद्ध ग्रंथ के अतिरिक्त अन्य रामायण भी कन्नड़ में लिखी गई हैं। मुनिश्री कुमुदचन्द्र की कुमुदेन्दु, चन्द्रसागर वर्णी की जिन रामायण, और एक अन्य लेखक की नोरवे रामायण काफी लोकप्रिय है । तेलगु भाषा में भी अनेक लेखकों ने रामायण को लिपिबद्ध किया है । उनमें मुख्यतः राघवाभ्युदय, तिकुनाकृत रामायण, संक्षेप रामायण, भास्कर रामायण, रंगनाभ्योत्तर रामायण, कल्पवृक्ष आदि का नाम उल्लेखनीय है । वी. नि. सं. २५०३ Jain Education International तामिल भाषा में कंब कवि द्वारा रचित कंब रामायण प्राचीन रामायण है । इसके अतिरिक्त जितनी भी रामायण हैं, वे सब कंब रामायण के अनुसार हैं । असमिया भाषा में श्री रामचन्द्र का आदर के साथ उल्लेख है गीति रामायण और लोक मानस सुप्रसिद्ध कृतियाँ हैं। मलयालम भाषा में कन्नास रामायण और केरल रामायण प्राचीन एवं लोकप्रिय रचनाएं हैं। संस्कृत में रामचरित - वेदों में ऋग्वेद बहुत प्राचीन ग्रंथ माना जाता है इसमें भी रामचन्द्र का उल्लेख आता है। योग वासिष्ठ में विशेषतः राम का वर्णन किया गया है। आदि कवि वाल्मीकि ने संस्कृत में रामायण की रचना की। भवभूति, क्षेमेन्द्र आदि ने रामायण की रचना की। इसी प्रकार रामचरित, जानकीहरण, रामायणमंजरी, अभिषेक नाटक, उत्तररामचरित बाल - रामायण, आदि अनेक नामों से विभिन्न कवियों ने रामायण की रचना की है । अन्य भाषाओं में रामायण-पंजाबी, बंगाली, गुजराती, हिन्दी, ब्रज, काश्मीरी, मराठी, उड़िया में भी रामायण है। हिन्दी में गोस्वामी तुलसीदासजी की रचना प्रसिद्ध है। मराठी में मोरोपन्त ज्ञानेश्वर की कृतियाँ प्रसिद्ध हैं संहिता भाष्यों में, अध्यात्म एवं पुराणों में भी इस पवित्र चरित को स्थान मिला है। संहिता शास्त्रों में हिरण्यगर्भ संहिता, शुकसंहिता, महाशंभु संहिता, ब्रह्मसंहिता सदाशियसंहिता, वसिष्ठसंहिता, अगस्त्यसंहिता, आदि में रामचरित का उल्लेख है। कल्किपुराण, पद्मपुराण, कूर्मपुराण, धर्मपुराण, वैवर्तपुराण, माय पुराण, बाराहपुराण, वामनपुराण, स्कंदपुराण, आदि पौराणिक साहित्य में भी इस कथा की विविध रूप में चर्चा है । For Private & Personal Use Only १२९ www.jainelibrary.org

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