________________ 640 : मुनि श्रीहजारीमल स्मृति-ग्रन्थ : तृतीय अध्याय क्षेत्र के कई विद्वान् इस जटिल एवं श्रमसाध्य कार्य के सम्पादन में जुटे हुए हैं जिनमें डा. वासुदेवशरण अग्रवाल, डा० दशरथ शर्मा, डा० सत्यप्रकाश, मुनि श्री कान्तिसागर जी, डा० रघुवीर सिंह, डा० एच० डी० सांकलिया, डा. मथुरालाल शर्मा, डा. गोपीनाथ शर्मा, श्रीगोपालनारायण बहुरा, डा० रामचरण राय, श्री देशराज जधीना, श्री अगरचन्द नाहटा, डा. मोतीलाल मेनारिया, श्री विद्याधर शास्त्री, श्री महावीर सिंह गहलोत, श्री कन्हैयालाल सहल, श्री रत्नचन्द अग्रवाल, श्री परमेश्वर सिंह सोलंकी, डा. उमाकान्त प्रेमानन्द शाह, श्रीविजयशंकर श्रीवास्तव, डा० पृथ्वीसिंह मेहता, श्रीनारायण सिंह भाटी जैसे विद्वान् एवं परिश्रमी शोधक राजस्थान के इतिहास की शोध के पुनीत कार्य में संलग्न हैं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org