Book Title: Raj Hriday Part 12
Author(s): 
Publisher: Vitrag Sat Sahitya Prasarak Trust

View full book text
Previous | Next

Page 443
________________ ૪૨૬ ८१ छ अवयन (भाग-२) २००० ८२ छ अवयन. (म -3) २००० ૮૩ મુક્તિનો માર્ગ સત્તાસ્વરૂપ ગ્રંથ પર પૂજ્ય ગુરુદેવશ્રીના પ્રવચન) २०.०० ८४ २२४६६य (२-५) ('श्रीम६।४यंद्र' 2 6५२ ५श्य 59. AlcuSuसवयनl)२०.०० ८५ २०४६६य (भाग-६)('श्रीम६ २४यंद्र' य.७५२ ५०यISश्री.शशमन स वयन)२०.०० ८६ २०४६६५ (भाग-७) ('श्रीम६ २०४यंद्र' य. ५२ पूथ्य मusश्री. cus-uAMAl)२०.०० ८७ २२४६६य. (01-८)('श्रीम६४यंद्र' य. 6५२ पूश्य मा श्री.श.Suसवयन)२०.०० ८८ २०४६६५.(un-८)('श्रीम६ २०४यंद्र' प्राथ.6५२ ५५ श्री.शशी.cuSuसवयन)२०.०० ८८ २०४६६य (un-१०)('श्रीम६२४यंद्र' य. ५२ पून्य CuSश्री.शशlcuSuAMuवयनl)२०.०० ૮૯ રાજહૃદય (ભાગ-૧૧)(“શ્રીમદ્ રાજચંદ્ર ગ્રંથ ઉપર પૂજ્ય ભાઈશ્રી શશીભાઈના સળંગ પ્રવચનો) ૨૦.૦૦ ८८ २०६६ (२-१२)('श्रीम६२।यंद्रथ 6५२ ५४य uSश्री.श.cuSuसवयनl)२०.०० 0 અધ્યાત્મ સુધા (ભાગ-૬) “બહેનશ્રીનાં વચનામૃત ગ્રંથ ઉપર પૂજ્ય ભાઈશ્રી શશીભાઈના સળંગપ્રવચનો २०.०० मूल्य २०-०० १५०-०० ५०-०० श्री वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट उपलब्ध प्रकाशन (हिन्दी) ग्रंथ का नाम एवं विवरण ०१ अनुभव प्रकाश (ले. दीपचंदजी कासलीवाल) ०२ आत्मयोग (श्रीमद् राजचंद पत्रांक-४६९, ४९१, ६०९ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) ०३ अनुभव संजीवनी (पूज्य भाईश्री शशीभाई द्वारा लिखे गये वचनामृत्तोंका संकलन) ०४ आत्मसिद्धि शास्त्र पर प्रवचन (पूज्य गुरुदेवश्री द्वारा) ०५ आत्मअवलोकन ०६ बृहद द्रव्यसंग्रह ०७ द्रव्यदृष्टिप्रकाश (तीनों भाग-पूज्य श्री निहालचंदजी सोगानीजीके पत्र एवं तत्वचर्चा) ०८ दूसरा कुछ न खोन (प्रत्यक्ष सत्पुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) ०९ दंसणमूलो धम्मा (सम्यक्त्व महिमा विषयक आगमोंके आधार) १० धन्य आराधना (श्रीमद राजचंद्रजीकी अंतरंग अध्यात्म दशा परॉ पूज्य भाईश्री शशीभाई द्वारा विवेचन) ११ दिशा बोध (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक-१६६, ४४९, ५७२ पर __ पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) १२ धन्य पुरुषार्थी १३ धन्य अवतार १४ गुरु गुण संभारणा (पूज्य बहिनश्री चंपाबहिन द्वारा गुरु भक्ति) अनुपलब्ध ३०-०० ०६-०० ०६-०० २५-०० १५-००

Loading...

Page Navigation
1 ... 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450