Book Title: Raj Hriday Part 05
Author(s): 
Publisher: Vitrag Sat Sahitya Prasarak Trust

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Page 534
________________ ८० प्रवचन (लाग - १ ) ૮૧ अवयन (लाग - २) ૮૨ छढा प्रवयन (लाग-3) ૮૩ મુક્તિનો માર્ગ (સત્તા સ્વરૂપ ગ્રંથ પર પૂજ્ય ગુરુદેવશ્રીના પ્રવચન) ८४ રાજહૃદય (ભાગ-૫) (‘શ્રીમદ્ રાજચંદ્ર’ ગ્રંથ ઉપર પૂજ્ય ભાઈશ્રી શશીભાઈના સળંગ પ્રવચનો) ०१ ०२ ०३ ៖ ៖ ៖ ៖ ०५ ०४ आत्मसिद्धि शास्त्र पर प्रवचन (पूज्य गुरुदेवश्री द्वारा ) आत्मअवलोकन बृहद द्रव्यसंग्रह द्रव्यदृष्टिप्रकाश (तीनों भाग पूज्य श्री निहालचंदजी सोगानीजीके पत्र एवं तत्वचर्चा) दूसरा कुछ न खोज (प्रत्यक्ष सत्पुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) दंसणमूलो धम्मा (सम्यक्त्व महिमा विषयक आगमोंके आधार) धन्य आराधना (श्रीमद राजचंद्रजीकी अंतरंग अध्यात्म दशा पर पूज्य भाई श्री शशीभाई द्वारा विवेचन) दिशा बोध (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक- १६६, ४४९, ५७२ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) धन्य पुरुषार्थी धन्य अवतार गुरु गुणसंभारणा(पूज्य बहिनश्री चंपाबहिन द्वारा गुरु भक्ति) गुरु गिरा गौरव ०६ ०८ ०९ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ ४ छ १९ २० श्री वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट उपलब्ध प्रकाशन (हिन्दी) ग्रंथ का नाम एवं विवरण अनुभव प्रकाश (ले. दीपचंदजी कासलीवाल) आत्मयोग (श्रीमद् राजचंद पत्रांक- ४६९, ४९१, ६०९ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) अनुभव संजीवनी (पूज्य भाईश्री शशीभाई द्वारा लिखे गये वचनामृत्तों का संकलन) जिणसासणं सव्वं (ज्ञानीपुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) कुटुम्ब प्रतिबंध (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक- १०३,३३२,५१०, ५२८, ५३७ एवं ३७४ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) कहान रत्न सरिता (परमागमसारके विभिन्न वचनामृतों पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) मूल भूल (पूज्य गुरुदेवश्री कानजीस्वामीके विविध प्रवचन) मुमुक्षुता आरोहण क्रम (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक- २५४ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) ૫૧૫ २०-०० २०-०० २०-०० 20,00 २०.०० मूल्य २०-०० १५०-०० ५०-०० अनुपलब्ध ३०.०० ०६-०० ०६-०० २५-०० १५-०० ०८-०० २५-०० ३०-०० ०८-००

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