Book Title: Pravachana sara
Author(s): Kundkundacharya, Himmatlal Jethalal Shah
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
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________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates 'तात्पर्यवृत्ति' टीकामां उद्धृत अवतरणोनी वर्णानुक्रम सूची 85 / / / | / / / 76 35 पृष्ठ अवाप्योरलोपः अंतिमतिगसंघडणं 413 | कर्मकाण्ड, 32 उत्पादव्ययध्रौव्य / / / / 189, 214 | तत्त्वार्थसूत्र, 5,30 एकं द्वौ त्रीन् वा 35 | तत्त्वार्थसूत्र, 2, 30 एको भावः सर्वभाव एगो मे सस्सदो 148 | मूलाचार, 48 औदयिका भावा कायस्थित्यर्थमाहारः किं पलविएण बहुणा 287 | बारस अणुवेक्खा , 90 गुणजीवा पज्जत्ती 433 | गो० जीवकाण्ड, 2 छट्टो त्ति पढमसण्णा 35 | ' जीवकाण्ड, 701 जेसिं अत्थिसहावो 167 | पञ्चास्तिकाय,५ जो सकलणयररजं 378 ण बलाउसाहणटुं 35 | मूलाचार, 481 णिद्धस्स णिद्धिण 318 | गो० जीवकाण्ड, 614 णोकम्मकम्महारो 35 | भावसंग्रह, 110 तवसिद्ध णयसिद्ध 367 | सिद्धभक्ति 20 देशप्रत्यक्षविद 460 चारित्रसार, पृ। 22 / | पुढवी जलं च / / / / / / / 260 गो० जीवकाण्ड, 601 पुंवेदं वेदंता 413 | सिद्धभक्ति,६ भावा जीवादीया 167 | पञ्चास्तिकाय, 16 भावान्तरस्वभावरूपो 190 भिण्णउ जेण ण जाणियउ / / / 433 | दोहापाहुड, 128 भुक्त्युपसर्गाभावात् 34 | नन्दीश्वरभक्ति [?] ममत्तिं परिवज्जामि 420 | मूलाचार , 46 मुख्याभावे सति 413 आलापपद्धति मोहस्स बलेण घाददे 34 | गो० कर्मकाण्ड, 19 व्यापकं तदतन्निष्ठं 47 शुद्धस्फटिकसङ्काशं 34 सद्दो खंदप्पभवो 263 | पञ्चास्तिकाय, 79 समगुणपर्यायं द्रव्यम् 40 समसुखशीलितमनसां 109 सम्यग्दर्शनज्ञान 451 तत्त्वार्थसूत्र, 1, 1 समाहारस्यैकवचनम् 387 | सावद्यलेशो | / / / / / / 462 | स्वयम्भूस्तोत्र, 58 Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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