Book Title: Prathamanuyoga Dipika
Author(s): Vijayamati Mata, Mahendrakumar Shastri
Publisher: Digambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti

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Page 271
________________ श्री महावीर स्वामी की आरती ॐ जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभु / कुण्डलपुर अवतारी, त्रिशलानन्द विभो / / ॐ जय महा प्रभो / / सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तपधारी / / जय महा० प्रभो / / प्रातम ज्ञान विरागी, समदृष्टि धारी / माया मोह विनाशक, शान ज्योति जारी / / ॐ जय महा० प्रभो / / जगमें पाठ अहिसा, आपही विस्तारयो / हिंसा पाप.भिटाकर, सुधर्म परिचारयो / / ॐ जय महा प्रभो // यही विधि चांदनपुर में, अतिशय दर्शायो / / बाल मनोरथ पूरयो, दूध गाय पायो / ॐ जय महा प्रभो / / प्राणदान मन्त्री को, तुमने प्रभु दीना। मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना / / ॐ जय महाप्रभो / / जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी। एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी / / ॐ जय महा प्रभो / / जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवे / धन सुत सब कुछ पावे, सङ्कट मिट जावे / / ॐ जय महा० प्रभो // निश दिन प्रभु मन्दिर में, जगमग ज्योति जरे। हरि प्रसाद चरणो में, प्रानन्द मोद भरे / / ॐ जय महा प्रभो / / DIAsawaim [.163 .

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