Book Title: Prastar Ratnavali Author(s): Ratnachandra Swami Publisher: Agarchand Bhairodan Sethiya Jain Granthalay View full book textPage 8
________________ ८ उपयोग विकल्पना नष्ट शोधवामां थाय छे. विकल्पना संयोगीनी अने एकंदर संख्या पण पताकाथी नीकळे छे. आ यंत्रनो आकार पताका- ध्वजाने आकारे थाय छे माटे तेनुं नाम पताका पाडवामां आव्युं छे. नवमा प्रकरणमा मर्कटी जेनुं नाम सारणी छे तेनुं स्वरूप दर्शाववामां आव्युं छे. मर्कटीयंत्रथी पद विकल्प अने भांगा एत्रणेना असंयोगी द्रिकसंयोगी आदिनी संख्या, तेमज एकंदर संख्या नीकळे छे.. मर्कटीना वळनी माफक त्रिछी लाइनना बबे कोठाना सरवाळाथी एकेक कोठो मर्कटी यंत्रनो पुरवामां आवे छे तेथी तेनुं नाम मर्कटी राखवामां आव्युं छे. आ नव प्रकरणमां गांगेय अणगारना भांगानो प्रथम ग्रंथ समाप्त थाय छे. त्यारपछी श्रावकत्रतभंगदीपिका नामनो बीजो ग्रंथ आवे छे. आनुं मूल धर्मसंग्रह नामना ग्रंथमां तेमज श्रावकव्रतभंगावचूरिनामे एक त्रण पानाना संस्कृत पुस्तकमां जोवामां आव्युं. ग्रंथनी भाषा प्राकृत अने संस्कृत; तेमां पण संक्षिप्त वर्णन. एटले ते उपरथी भांगा जेवी गहन बाबत सामान्य लोको न समजी शके. जनसमाज माटे लोकभाषामां विस्तारथी उदाहरण साथे आ विषय योजवामां आवे तो वधारे उपयोगी थाय एवा संकल्प थतां संवत् १९६४ ना चातुर्मास्यमां थानगढ मुकामे गुरु महाराज श्री गुलाबचंद्रजी स्वामीनी प्रेरणाथी उक्त ग्रंथनी योजना करवामां आवी पण तेनी एकज नकल थवाथी ते एक पोथीनी साथे गुम थइ एटले बीजीवार संवत् १९७६ ना वैशाख मासमां उमरडा मुकामे ते ग्रंथ लखवामां आव्यो. तेमां छ प्रकरण पाडवामां आव्यां छे. गांगेय अणगारनां नव प्रकरणमांना पहेलां छ प्रकरण प्रमाणेज आनां छ प्रकरणो छे. फेर मात्र पहेलां बे प्रकरणना क्रममां छे. तेमां पद प्रकरण पहेलुं अने विकल्प प्रकरण बीजु छे त्यारे आमां विकल्प प्रकरण पहेलुं अने पद प्रकरण बीजु छे. गांगेय अणगारना पद अने श्रावकत्रतनां पदनी रचनामां कंइ फेर नथी. बेनी रचना एक सरखीज छे. एण तेनी मूल वस्तुमां फेर छे. गांगेय अणगारनां पद स्थान आश्रित छे त्यारे श्रावकव्रतनां पद व्रत आश्रित छे.Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 282