Book Title: Prashna Vyakarana Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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________________ जाश्वश्यावतनधयनी बुयक दतोडीवमादिकियापकाचश्वाश्यकहतांशवनश्चयुनि वशेषाणघकीचकव्यानोगदतणावाददायकजीवातावतामानराऽविलिदिरसमकावरक्षितता ऊंघुनादिवमजीवरक्षितपक्षलागावासकागदवनचारित्रियानशलवाकल्पवयंमाजागंकहतीस गयाजनादापरहितासघात्राणिंगालादाराघवा दातारकपरिरागमदिनाउंगालादापातणारंदिता तयाविगतधर्मादारतधादातारपशिक्षधर दिवाणानिमिन्नीलकारणनिमित्रिीयताव याशवयावावरियठाण्यवतमहाए तदपावलियागपळणधम्मविताएद ॥तिववनात परदकारणजाणीसाधुवादाल्पश्नान्या तबकायपरिरकणच्यातला दिषटालशतम्पश्यघिलवायधिवोकायादि जीवातदनराधिवानश्यधिपतलाादापनटोला तमबक्कायनादिमाघातिणिवतलगाननकारणजाणीनिादषिमादारालववनोदशिंदणिकन्द तादिवस दिवसप्रतिपदवश्वासकतिक्षानममूहिातावताघरममुदानतिक्षाचारित्रिया वहिवनाश्त्यघी दिवसाधुनमंनिधिादापननटालिववादघाऽश्वशालजिपियसमणाममचिदि

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