Book Title: Pramukh Jainacharyo ka Sanskrit Kavyashastro me Yogadan Author(s): Rashmi Pant Publisher: Ilahabad University View full book textPage 402
________________ 31. आ. काव्या. T. . हि. वाग्भटा. संक्षिप्त संकेत सूची महा. वस्तु का सा. व सं. सा. में उसकी देन त्रि.श. पु. च. अध्याय आचार्य काव्यानुशासन 391 पृष्ठ वृत्ति हिन्दी वाग्भटालंकार महामात्य वस्तुपाल का साहित्यमंडल व संस्कृत साहित्य में उसकी देन त्रिशष्टि शैला कापुरूषचरितPage Navigation
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