Book Title: Pradyumna Charitra Author(s): Dayachandra Jain Publisher: Mulchand Jain View full book textPage 97
________________ शुद्धि अशुद्धि पत्र। पंक्ति शुद्ध रुक्मणी १४. रुकमणि करेगी करेगी उभेड उमड़ बधु कृष्ण ..... स वधु · कष्ण - करक करदं प्रेर्णा उस करक करके करदूं प्रेरणा 18. ह 0 ... विलम्भ ... विलम्ब रुक्मणी ... रुकमणी , पक्कान्न ... पक्वान्न ११ ७६ ... १७... ८०८ सोलहवं ... বনবি सोलहवे रुक्मणीPage Navigation
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