Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 01 Patliputra ka Itihas
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala
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पाटलीपुर का इतिहास
एक लेख जैन रजितांक में प्रकाशित करवाया है वह लेख इतना तो उपयोगी तथा अकट प्रमाणों और अनेक दलीलों से परिपूर्ण हैं कि जिसको हम दूसरे भाग में प्रकाशित करावेंगे, पाठक धैर्य रक्खें, थोड़ा ही समय में आपकी सेवा में वह लेख उपस्थित किया जायगा ।
* समाप्तम्
ऐतिहासिक सुंदर और सस्ती पुस्तकें जैन जाति महोदय प्रथम खंड
यदि आप जैन धर्म का सच्चा इतिहास तथा जैन जातियाँओसवाल, पोरवाल श्रीमालादि का प्राचीन इतिहास जानना चाहें तो आज ही आर्डर भेज कर एक कोपी मंगवाइये १००० पृष्ठ ४३ चित्र रेशमी जिल्द होने पर भी प्रचारार्थ मूल्य रु० ४) ओसवाल कुल भूषण समरसिंह
यदि आपको जैन धर्म और ओसवाल जाति का सच्चा गौरव है तो देरी न करें आज ही मंगवा कर पढ़िए सवाल जाति में कैसे कैसे शूरवीर दानी मानी धर्मज्ञपुरुष हो गुजरे हैं इसमें ढाई हजार वर्ष पूर्व की अनेक घटनाएं - पढ़ने से आपकी अन्तर श्रात्मा में नई रोशनी पैदा होगी मूल्य रु० ५ 1 )
शीघ्र बोध भाग १ से २५ तक
यदि आप द्रव्यानुयोग अध्यात्मज्ञान, श्रात्मज्ञान, तत्वज्ञान खगोल भूगोल जीव, कर्म षट्द्रव्यादि और नय निक्षेप का ज्ञान घर बैठे प्राप्त करना चाहते हो तो आज ही एक पत्र लिख कर मंगवा लीजिये चार पक्की जिल्दों में तैयार है । मूल्य रु० ९)