Book Title: Pacchkhan Margdarshika
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Shantidham Jain Tirth

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Page 5
________________ प्रकाशकीय परमपूज्य राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीधरजी म.सा. के ज्योतिर्विद् शिष्य पूज्य पंन्यासप्रवर श्री अरुणोदयसागरजी म.सा. के शिष्य पंचांग गणितज्ञ और श्री वटवा जैन आश्रम के मार्गदर्शक-पथदर्शक मुनि श्री अरविंदसागरजी म.सा. के गणिपदप्रदान के शुभ अवसर पर पूज्यश्री की गणितविद्या के परिपाक के रूप में निर्मित हुई पच्चक्खाण मार्गदर्शिका को श्री संघ के करकमल में रखने का सौभाग्य प्राप्त कर सानंद धन्यता अनुभव कर रहे हैं। नित्य उपयोगी ‘पच्चक्खाण मार्गदर्शिका' अपने प्रकार की भारतवर्ष में प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम पुस्तिका है। इस पुस्तिका के उपयोग से पुण्य आत्माएँ मंगलमय जीवन को प्राप्त कर उत्तरोत्तर चरमपद को प्राप्त करें यही मंगल कामना। श्री शांतिलाल भूदरमल अदाणी परिवार के आर्थिक - सौजन्य से इस पुस्तिका का प्रकाशन हो रहा है अतः अदाणी परिवार का हार्दिक अनुमोदन करते है। श्री शांतिधाम जैन तीर्थ 'श्री जैन आश्रम - वटवा ट्रस्टीगण / कार्यकर्तागण -

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