Book Title: Oswalotpatti Vishayak Shankao Ka Samadhan
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala

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Page 59
________________ (Gastastssssssssssssssssssskshassissississiestostestane जयन्ति-महोत्सव MODOD950 900900gadgeGlobog Dahachasteskschackestasionisakestasicelestealsekestasisatasheelcastestostostoshsekashsatssbostostssississsskocheated 1560068009050806 यह बात किसी विद्वानों से छिपी हुई नहीं है कि जैनाचार्य श्रीरत्नप्रभसूरीश्वरजी महाराज का जैन जातियों पर कितना उपकार है कारण सबसे पहले अजैनों को जैन बनाने की मशीन आप ही ने कायम की थी। आज ओसवाल पोरवाल और श्रीमालादि जैन जातियाँ जो जैन धर्म पालन कर रही है यह श्राप श्री की कृपा का ही मधुर फल है। ऐसा कौन हतभाग्य जैन होगा कि आपकी जयन्ति मनाने में उत्साहित न हो ? कई लोग तो साधनों के अभावमें ही मौनकर बैठते हैं पर आज अनेक प्रन्थोंका मथन कर आचार्य श्री का पवित्र जीवन एक ही पुस्तक में संग्रह कर आपकी सेवा में उपस्थित कर रहा हूँ। आप इस किताब को मात्र दो आना खर्चे का भेजकर मैंगवा लीजिये और माघ शुक्ल पूर्णिमा को अपने परमोपकारी महापुरुषों की बड़े ही समारोह से जयन्ति मनाइये। पुस्तक मिलने के पते(१) श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला मु० फलोदी (मारवाड़) (२)श्री जैन श्वेताम्बर सभा मु० पीपाड़-सिटी (मारवाड़) (३) आदर्श प्रेस, केसरगंज अजमेर ୫୫ ବୃଙ୍କ ୫ श्रादर्श प्रेस, केसरगंज अजमेर में छपा-सञ्चालक-जीतमल लूणिया इस प्रेस में छपाई बहुत उमदा, सस्ती, और जल्दी होती है (Shrassiseksidiasical stostsshaska shesisata skeslesho shoots stestostoshs skastaste rhoodlesdssteaks the stockestacladkasee 01.000000 VÀ ĐỘ ĐỘ9999 999 N920929999 2099209909 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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