________________ 200 नीतिवाक्यामृतम् श्रीमन्महेन्द्रदेवभट्टारकानुजेन स्याद्वादाचलसिंह, ताकिंकचक्रवादीमपञ्चानन, वाकझोलपयोनिधि, केकिकुलराजकुखरप्रभृतिप्रशस्ति:प्रस्तावा. लङ्कारेण षण्णवतिप्रकरण-युक्तिचिन्तामणि (त्रिवर्ग) महेन्द्रमातलिसंजल्प-यशोधरमहाराजचरित-महाशास्त्र-वेधसा श्रीमत्सोमदेवसूरिणा विरचितं नीतिवाक्यामृतं नाम राजनीतिशास्त्रं समाप्तम् / __ श्रीः शुभं भूयात् / नीतिवाक्यामृतं सम्पूर्णम् | .. समस्त ताकिकचक्रचूडामणियों से वन्दनीय, पचपन महान् वादियों के विजयी, उत्कृष्टतपश्चर्या के सागर भगवान् नेमिदेव के प्रियशिष्य, वादीन्द्रकालामल श्रीमान् भट्टारक महेन्द्रदेव के छोटे भाई-स्याद्वाद-अचलसिंह, ताकिकचक्रवादीभपञ्चानन, वाकल्लोलपयोनिधि-केकिकुलराजकुञ्जर इत्यादि प्रशस्तियों से अलकृत षण्णवतिप्रकरण, युक्ति-चिन्तामणि, त्रिवर्ग-महेन्द्रमातलिसंजल्प, यशोधरमहाराजचरित के रचयिता महाशास्त्रों के विधाता श्रीमान् सोमदेवसूरि द्वारा विरचित नीतिवाक्यामृत नाम का राजनीतिशास्त्र समाप्त हुआ। भगवती श्री कल्याणकारिणी हो / , . नीतिवाक्यामृत समाप्त। - --------. .