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नीतिशास्त्र के इतिहास की रूपरेखा/313 जीवन पूरी तरह से समाप्त होता है, तो भी इस (वरेण्यता) को बदला नहीं जा सकता। यह सही है कि कुछ लोगों के लिए अमरता का प्रत्यय व्यक्ति के व्यक्तित्व की भावीनैतिक-प्रगति के लिए अवसर प्रदान करता है, लेकिन अब जो जीवन जीया जा रहा है, उसके प्रति नैतिक-दृष्टिकोण के लिए अमरता का प्रत्यय आवश्यक नहीं है।