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निजदोष दर्शन से... निर्दोष!
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दिखे न, तब तक हास्य उत्पन्न नहीं होता है और मुक्त हास्य से मनुष्य कल्याण कर देता है। मुक्त हास्य के एक बार दर्शन करे न, तब भी कल्याण हो जाए। वह तो अब खुद उस रूप होना पड़ेगा। खुद हो जाए तो सारा ठीक हो जाए। हमेशा सिर्फ पर्सनालिटी ही कोई काम नहीं करती। खुद का जो चारित्र है वह बहुत बड़ा काम करता है। इसलिए ही तो शास्त्रकारों ने कहा है कि ज्ञानी पुरुष एक उँगली पर पूरा ब्रह्मांड उठा सकते हैं। क्योंकि चारित्रबल है। चारित्रबल मतलब क्या? निर्दोष दृष्टि निर्दोष दृष्टि दादा के पास सुनी और अभी तो प्रतीति में आई है। हमें अनुभव में होती है। प्रतीति आपको बैठी है ज़रूर, पर अभी वर्तन में आते हुए देर लगेगी न? बाकी मार्ग यही है। मार्ग आसान है और कोई परेशानी आए ऐसा नहीं है।
जय सच्चिदानंद
ऊपरी
कल्प
गोठवणी
नोंध
नियाणां
धौल
सिलक
तायफ़ा
उपलक
कढ़ाया
अजंपा
मूल गुजराती शब्दों के समानार्थी शब्द
: बॉस, वरिष्ठ मालिक
: कालचक्र
: सेटिंग, प्रबंध, व्यवस्था
: अत्यंत राग अथवा द्वेष सहित लम्बे समय तक याद रखना, नोट करना
: अपना सारा पुण्य लगाकर किसी एक वस्तु की कामना
करना
: हथेली से मारना
: राहखर्च, पूँजी
: फज़ीता
: सतही, ऊपर ऊपर से, सुपरफ्लुअस
: कुढ़न, क्लेश
: बेचैनी, अशांति, घबराहट