Book Title: Neminahacariya Part 1
Author(s): Haribhadrasuri, H C Bhayani, Madhusudan Modi
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 14
________________ सिरि-हरिभद्द-सूरि-विरइउ नेमिनाहचरिउ [१] दुह वि पयडिय-करण-आयारु दुह-दंसिय-धम्म-निहि दुह-नमंत-पय-विहव-पावणु । दुह-कमलाणंदयरु दुह-सुवन्न-रयण-प्पहावणु। मह सुहु वियरउ विमल-गुण- रासि-जलहि-रयणिदु । पणय-सुरासुर-नर-नियर- कय-थुइ उसह-जिणिंदु ॥ . अह विसेसिण नमिर-तइलोय सिरि-वद्धमाण-प्पहुहु पाय-पउम पणमिवि जिणिदह । तह वारस-अंग-सुय- पढम-काहि गोयम-मुर्णिदह । तयणु सुहम्म-स्सामि-मुणि- नाहह भत्ति करेवि । अन्नेसि पि महा-कइहिं पय-पउमई सुमरेवि ॥ [३]] नमिवि भत्तिण चलण जिणचंदमुणिनाह-सीसुत्तिमह विविह-विमल-गुण-रयण-भूरिहि । सारय-ससि-विमल-जस- भरिय-धरह सिरिचंद-सूरिहि । मण-तणु-वयणिहिं अणुदिणु वि जणिय-पुलय-प-भारु । अणु सरिउण सुय-देवयह नाम-मंतु जय-सारु ।। १. १. क. The portion containing this line is lost; ख. आयारू. २. विहि. ८. तियर. After १. क marginally supplies the following stanza: नीरनाहु व निच्चमत्थाहु । मेरु व्व वहुपयविहवु । दिणयह व्व सुपयावकुलहरु। हरिणंकु व अमयकरु। सुरगिरि सुरसत्थमणहरु । राइमईपरिहारविहि-विहणियमयणमरटूटु । हवउ सयावि हु नेमिजिणु । दुहकणकलणघरटु । २. ३. पपामिवि. ९. पथ. ३. १. नेमिबि. २. सीसुन्निमह. ३. विविह missing. ७. मुलय. ८. तह भारइदेविहि सरिवि. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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