Book Title: Naychakra Sara
Author(s): Meghraj Munot
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpmala

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Page 9
________________ शुद्धिपत्र. अशुद्ध शुद्ध पुष्प नं. ६४ पुष्प नं. ६५ को के 21 22 23 जल्प कहत कहते प्रवेश प्रदेश प्रवेश प्रदेश क्षेत्र क्षेत्रों स्थित्युपट्टभ स्थित्युपष्टंभ धर्मास्ति अधर्मास्ति अस्तिकायात्व अस्तिकायत्व अनेक नेक खरूप स्वरूप एंठ ऐंठ पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति १ १ । पांचका पांचवां ४० १७. २ १ पंचास्तिकये पंचास्तिकाये ___४३ १८ ६ २० । गर मगर ५. ११ ६ २१ | विधिनिबंध विधिनिषेध ६३ १० १७ का की ६३ १२ ११ रूपोनित्य रूपोऽनित्य ६५ १ १२ १६ व्ययरूपनित्य व्ययरूप अनित्य ६५ १३ १२ १७ परिमनात परिणमनात ६८ ५ १३ १ करणस्यापि कारणस्यापि १४ १४ घटा घट १४ १५ अभेदभाधे अभेदाभावे १६ ३ उत्थितासीत् उत्थितासीनो पुरूषवत् पुरूषवत्त देवत्व देवच रूदासविता रूदासीना २१ ५ निरो तिरो परिणते परिणमते वक्तव्यभावे वक्तव्याभावे ८३ १० ३६ ११ अव्यक्तव्यभावे अव्यक्तव्याभावे ८३ १६ ३६ १३ । भव. भाव ८३ २० घर परपर नास्ति अखि पर्शपर नास्तिता नस्ति

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