________________
परिशिष्ट : प्रयुक्त अन्य सूची
१९८१
२९४
आचार्य महाप्रज जैन विश्व भारती, लाडनूं (राजस्थान).
ई.स. १९९७ ★ पंच परमेष्ठी नमस्कार स्वरूप मंत्र
पन्नालाल जगजीवनदास गाँधी श्री जैन श्वे. मू. पू. तपागच्छ संघ, धांगधा-गुजरात.
वि. सं. २०४९ प्राकृत-सूक्ति-कोश मुनि चन्द्रप्रभसागर जयश्री प्रकाशन, २२ ए, बुध ओस्ता नगर लेन, कलकत्ता.
ई.स. १९८५ * पच्चक्खाण क्यों और कैसे ?
श्री चांदमल कर्नावट श्री अखिल भारतीय जैन विद्वत् परिषद, सी-२३५, दयानंद मार्ग, तिलकनगर, जयपुर-३०२००४.
ई.स. १९८८ भारतीय दर्शन के प्रमुखबाद मुनि राकेशकुमार आदर्श साहित्य संघ, चूरू (राजस्थान).
ई.स. १९८८ भुवनभानुना अजवाळा संपादक- जयसुन्दरविजयजी म., श्री मुक्तिवल्लभविजयजी म. भुवनभानुसूरीश्वरजी स्मृति ग्रंथ प्रकाशन समिति, कुमारपाल बी.शाह, ३९,कलिकुंड सोसायटी, धोलका-३८७८१०.
बी.नि.सं.२५२० ब्रहद् द्रव्य संग्रह (ब्रह्मदेव विरचित संस्कृत वृत्ति सहित) हिन्दी अनुवाद- राजकिशोरजी जैन पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, बापूनगर, जयपुर.
ई.स. १९९५ ★ भारतीय दर्शन
पं. बलदेव उपाध्याय शारदा मंदिर, वाराणसी.
सप्तम् संस्करण, ई.स. १९६६
०३२
BR
९७१
a
t intelliwaline
.०५
511