Book Title: Mulachar Purvardha
Author(s): Vattkeracharya, Gyanmati Mataji
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 578
________________ वादर-सूक्ष्म दोष वायस कायोत्सर्ग दोष वायुकायिक के भेद वारुणीपायी कायोत्सर्ग विकलेन्द्रिय स विनयोपसंपत् विद्या दोष विनय तप विपाकविचय धर्म्यध्यान शंकित अशन दोष शवरवधू कायोत्सर्ग दोष विविक्त शय्यासन तप ३५५. २८६ वृत्ति परिसंख्यान तप वेदिकाबद्ध ६०५-६०६. ४४७ वैयावृत् तप ३८६. ३०८ २८५.२४१ व्यंजनार्थोभयशुद्धि व्युत्सर्ग तप ४०६. ३२० व्युपरत क्रिया निर्वात शुक्लध्यान ४०५. ३१९ शब्द शिरः प्रकम्पित कायोत्सर्ग शुक्लध्यान का स्वरूप-भेद श्रोत्रेन्द्रिय निरोध शिद्विधा पृथिवी षडावश्यक श पकलेन्द्रिय स सत्य महाव्रत सत्यव्रत भावना सप्तदशविध संयम सप्तभय सम्यक्त्व समता आवश्यक Jain Education International समयग्दर्शन के आठ अंग सम्मोह भावना ष स ४३३ . ३३९ ६७० ६७२. ४८७ २१२. १७७ ६७०-६७२. ४८७ २१६. १८५ १४०.१२० ४६३ . ३६१ ६७० ६७२.४८६ ४५७-४५६. ३५७ ३६४. २६४ ४०१. ३१५ साधुनिरुक्ति सामायिक ३५७. २६० ६०५-६०६. ४४८ ६७० ६७२. ४८७ २०६. १७३ २२. २८ २१६. १८५ ६. १२ ३३८.२७८ सर्वातिचार अतिक्रमण सर्वाभिघट भेद संघकर मोचन ४१६-४१७. ३२६ ५३. ५८ २०३.१६८ २३. २६ ६१५.४५४ ४४०. ३४४ ६०५- ६०६. ४४९ ४६७. ३६३ ४०२. ३१६ ४७६. ३६७ ६३-६४०. ४६६ ३४८.२८४ ५१२. ३८६ ४२. ५२ ५१७-१८. ३६५ सामाचार १२३. १०७ सामायिक व्रत ११०. SE साधारण वनस्पति २१६. १८१ ६१५.४५४ सांवत्सरिक प्रतिक्रमण सिद्ध निरुक्ति ५०७. ३८६ १४३ . १२२ सुखदुःखोपसंपत् सूक्ष्मक्रियाप्रतिपाति शुक्लध्यान ४०५. ३१६ २७७.२३४ सूत्र सूत्रोपसंपत् स्कन्ध ४०४.३१८ स्तब्ध १८. २४ स्तनदृष्टि- कायोत्सर्ग दोष स्तम्भकायोत्सर्ग दोष २०१. १६५ ६७. ७० संव्यवहार दोष संस्थानविचय धर्म्यध्यान संयोजना प्रमाण दोष साकार प्रत्याख्यान साकांक्ष अनशन तप सामायिक निरुक्ति स्तेनित स्थापनालोक स्थापित दोष स्थिरीकरण स्थितिभोजन- मूलगुण स्पर्शनेन्द्रिय-निरोध स्वाध्याय स्वाध्याय त‍ हीन हीलित For Private & Personal Use Only १४४. १२३ २३१. १९४ ६०५-६०६. ४४६ ६७० ६७२. ४८६ ६७० ६७२. ४८६ ६०५-६०६. ४४७ ४४५.४१२ ४३०. ३३७ २६२. २१६ ३४. ४२ २१. २७ २७१-२७२.२२८ ३६३. ३१० ६०५-६०६. ४४६ ६०५-६०६. ४४८ 00 www.jainelibrary.org

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