Book Title: Mewad me Sanskruti Sahitya ki Jain Parampara Author(s): Prem Suman Jain Publisher: Z_Umravkunvarji_Diksha_Swarna_Jayanti_Smruti_Granth_012035.pdf View full book textPage 5
________________ मेवाड़ के संस्कृत साहित्य की जैन परम्परा / 235 5. तीथंकर महावीर और उनकी प्राचार्यपरम्परा-डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री, भाग 4 6. भट्टारकसम्प्रदाय, डॉ० विद्याधर जौहरापुरकर 7. महाराणा कुम्भा, रामवल्लभ सोमानी 8. राजस्थान के जैनग्रन्थभण्डारों की सूचियाँ (भाग 1-5), डॉ० के० सी० कासलीवाल 9. शोध-पत्रिका, उदयपुर, अंक 2-3, भाग 6, 10. वरदा, वर्ष 5, अंक 3 11. राजस्थानी साहित्य की गौरवपूर्ण परम्परा-अगरचन्द नाहटा 12. 'जिनवाणी' विशेषांक (जैन संस्कृति और राजस्थान), 1975 13. राजस्थान का जैन साहित्य, जयपुर 1976 14. संस्कृतकाव्य के विकास में जैनकवियों का योगदान, डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री 29, सुन्दरवास, उदयपुर-३१३००१ HO धम्मो दीवो संसार समुद्र में धर्म ही दीप है Jain Education International For Private & Personal Use Only Hungawelibrary.orgPage Navigation
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