Book Title: Lilavaikaha
Author(s): K R Chandra, Ramniklal M Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 148
________________ प्राकृत विद्या मंडळना प्रकाशनो ०-७५ १ महावीरचरियं-छहो पत्थावो १-५० संपादक पं. बेचरदास दोशी २ महाबीरचरिय के छठे प्रस्तावका देवनागरी लिपिमें गुजरात अनुवाद १-०० -'. बेचरदास दोशी ३ भगवतीसूत्र के १५वे शतक का हिंदी अनुवाद ०-७५ -4. रूपेन्द्रकुमार एच. पगारिया ४ उवासगदसाओ (मूल) ५ कुवलयमाला कहा (परि. १-१२, २४२-२८४) ६ कुवलयमाला-कहा (परि. १-१२, २४२- २८४) (गुजराती भाषान्तर) -अनु डॉ आर. एम. शाह “७ सीलेक्शन इन प्रोझ एन्ड पोयेट्री १०-०० (पोस्ट ग्रेज्युस्ट सर्टीफिकेट कोस इन प्राकृत) ८ प्राकृत व्याकरण (हिन्दी) 7. के. आर. चन्द्र हस्तप्रताने आधारे पाठ संगदन -हरिवल्लभ भायाणी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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