Book Title: Kshir Tarangini
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Ramlal Kapur Trust

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Page 443
________________ (१०) १२७. दयानन्द अंक (२) वेदवाणी का सं० २०४१ का विशेषांङ्कइसमें ऋषि दयानन्द के नूतन उपलब्ध पत्र, पत्रांश जो पहले नहीं छपे थे तथा एक जाली पत्र और उसकी विवेचना, ऋ० द० के जीवन से सम्वद्ध अज्ञात वा प्रकाशित घटनाए, ऋषि दयानन्द के सहयोगी महाराष्ट्रिय विशिष्ट व्य तियों का मराठी से अनूदित परिचय प्रादि अनेक विषयों का सन्निवेश किया गया है। . मूल्य १०.०० दयानन्द अंक (३) वेदवाणी सं० २०४२ का विशेषाङ्क-इसमें टंकारानिवासी प्रा. श्री दयाल भाई ने ऋ० द० के प्रारम्भिक जीवन के सम्बन्ध में अनेक वए। के अनुसन्धान के पश्चात प्रामाणिक विवरण प्रस्तुत किया है। और पुरानी अनेक भूलों का निराकरण किया है । डा० श्री भवानी लाल भारतीय द्वारा ऋ० द. के सम्बन्ध थियोसोफिकल सोसाइटी की थियोसोफिस्ट पत्रिका में जो-जो वृत्तान्त उपलब्ध हुया है, उस स को हिन्दी भाषा में अनुदित विवरण प्रथम बार हिन्दी में छापा गया है। . मूल्य १०-० ० ___ विशेष ---१२५, १२६, १२७ के चारों अङ्क ऋषि दयानन्द के जीवन चरित पर कार्य करने वाले भावी विद्वानों के लिये बड़े उपयोगी हैं। ये बहुत सीमित संख्या में छपवाये गये हैं। १२८. ऋषि दयानन्द को पद प्रयोग शैली -लेखक--युधिष्ठिर मीमांसक इसमें ऋ० द० के यजुर्वेदभाष्य में प्रयुक्त कतिपय ऐसे शब्द, जिन्हें प्राधुनिक वैयाकरण अशुद्ध मानते हैं, पर पाणिनीय दृष्टि से विचार किया है । मूल्य. ३-० वेदवाणी (मासिक) पत्रिका ३६ वर्षों से विना नागा नियत समय पर प्रकाशित होने वाली वेदादि विशिष्ट विषयों की एक मात्र प्रामाणिक पत्रिका । प्रतिवर्ष किसी महत्त्वपूर्ण विषय पर एक बृहद् विशेषाङ्क दिया जाता है । वार्षिक चन्दा १२-०० रुपये मात्र । विदेश के लिये ३०-०० रुपया वार्षिक । पुस्तक प्राप्ति स्थानश्री रामलाल कपूर ट्रस्ट बहालगढ़ जिला सोनीपत (हरयाणा) १३१०२१

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