Book Title: Kalplata Vivek
Author(s): Murari Lal Nagar, Harishankar Shastry
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 548
________________ 359 पत्रम् पङ्क्ति अशुद्धम् 242 13 मदशब्दा 246 16 भवतीत्ययः / / 248 18 कल्पप 248 24 विपर्यस्य 249 16 -हेत्वतुकाया 252 8 -पत्रं शुद्धिपत्रम् / शुद्धम् पत्रम् पङ्क्ति अशुद्धम् महशब्दो | 280 12 -षभवतीत्यर्थः / 282 20 विनिर्यय कल्प 283 21 क्विचिद् विपर्ययस्य 302 19 भावाइति / . हेतुकाया 303 17 धर्य -पत्रं 314 7 आकुञ्चग शुद्धम् -वस्त्रविनिर्याय क्वचिद् भावा इति / धर्य आकुञ्चन

Loading...

Page Navigation
1 ... 546 547 548 549 550