Book Title: Kailaspadma Swadhyayasagara Part 1 Author(s): Padmaratnasagar Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Serving Jinshasan - अमिनमः :- III :: मंगल कामना:. gyanmanavelaBatirth.org (मुझे या जान कर प्रसन्न र मि. कैलास-पभ- स्मारसागर" की द्वितीय भावृत्ति प्रकाशित लेने जा रही। "स्वाध्याय" संपमीजीरन का परम साभी एवं कल्माण मिनर। सम्पज्ञान के प्रकार में व्यक्ति अपने कार्य के परिणाम कोजान. ममारे अपनी विकृति को संस्कृति में बदल सकताई। पासना को मारनामें परिवर्तित करने की प्रक्रिया भीगन ने . द्वारा पिलधलेली) स्वाध्याय के माध्यम से मालचिंसन ने द्वारा मन के परिणाम का शुद्धिकरण लताई | परिणाम राहदरोने पररी सिद्ध बनानासार। इस स्वाध्याय सागरमा संकलन एवं संशदन मिहान् मुनिश्री पभाल सागरजीम. ने मिया, र प्रशंसनीयर) मुभा मिस पुस्तक से परन- पाटन द्वारा अनेक जात्मा रिकास के पथ पर अपनी जीवन यात्रा में स्वयं का पूर्णसिम पास करने के योग्य बनेणे) शुभैथुन:सादहीभरनधर्मगला पभसागर सूरि पालीतागा (गुजरात) दि. २३.१५-१६ सिरसेन तिन वर्ष For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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